पुस्तक के प्रकाशन के बाद २३ नवम्बर को उत्तराखण्ड के मुख्य मन्त्री रमेश पोखरियाल निशंक ने देहरादून में इसका विमोचन किया। जिसकी खबरें सभी अखबारों ने प्रकाशित की। टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के देहरादून प्लस संस्करण में २९ नवम्बर को अन्जली नौरियाल की समीक्षा प्रकाशित हुई। इलाहाबाद में पुस्तक पर परिचर्चा का आयोजन हुआ। वहाँ के समाचार पत्रों में भी इसकी चर्चा हुई। प्रस्तुत है अखबारी कतरनें जो जल्दबाजी में जुटायी जा सकीं हैं। उत्तराखण्ड से स्थानान्तरण के बाद दिल्ली में शिफ़्ट करने की आपाधापी में अभी इतना ही:
(पढ़ने के लिए कतरन पर क्लिक करें।)
अमर उजाला: देहरादून २३ नवम्बर,२००९
टाइम्स ऑफ़ इण्डिया: दून प्लस: २९ नवम्बर, २००९
डेली न्यूज एक्टीविस्ट, इलाहाबाद: १४ दिसम्बर,२००९
शीघ्र ही पुस्तक के पाठ धारावाहिक के रूप में पोस्ट किये जाएंगे।
(अशोक कुमार)
bahut bahut badhai...
जवाब देंहटाएंपहली बात तो यह कि ब्लाग की दुनिया में आने के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंऔर इस पुस्तक के लिए भी !
सिद्दार्थ जी के ब्लॉग से यहाँ आये है.. अभी तो बधाई देकर जायेंगे .. फिर फुर्सत से आयेंगे. .
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई। मेरे ब्लोग पर आपका स्वागत है।
जवाब देंहटाएंआपको नए साल (हिजरी 1431) की मुबारकबाद !!!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई आपको.
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है, एक बेहतेरीन आइडिया
जवाब देंहटाएंBahut achha laga samachar dekh,padhke...!
जवाब देंहटाएंSwagat hai!
Khakhi wardidhari bhi hamare samajka hissa hain..unhen usee nazarse dekhna chahiye!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंसार्थक लेखन , खाकी के प्रति फैली गलतफहमियों को दूर करने में सहायक होगा
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
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insan to kisi bhee rang ke cloth me ho sakta hai. ho sakta hai insaniyat dikhate samay uske tan par cloth bhee na ho. narayan narayan
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन ...हमारे ब्लोग पर आपका स्वागत है
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