बाएं से दाएं: लोकेश ओहरी (सह-लेखक), अशोक कुमार (लेखक), डॉ.किरण बेदी, आर.के.भाटिया(IPS), पी.एम.नायर(IPS)
चित्र में पीछे: लेखक की पत्नी डॉ. अलकनन्दा प्रसन्न मुद्रा में
डॉ. किरण बेदी द्वारा इस प्रयास की मुक्त कंठ की सराहना की गयी। उन्होंने कहा कि इस किताब में संस्मरण के रूप में जिन सच्चे मुद्दों को उठाया गया है उसे टेलीविजन पर धारावाहिक रूप में दिखाया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग इसका सन्देश ग्रहण कर सकें। प्रशंसकों, मीडिया और मेरे सहकर्मियों द्वारा जो समर्थन और सहयोग दिया गया है उससे मैं अभिभूत हूँ। हार्दिक धन्यवाद।
(अशोक कुमार)
Congratulations Ashok sir... really it's a great pleasure to see a book written by an honest police officer. An officer who is trying to reestablish the faith of comman man in POLICE.
जवाब देंहटाएंJai Hind...
पुस्तक के प्रकाशन और विमोचन पर बधाई! वैसे जिस प्रकार की शक्ति पुलिस तंत्र को दी गयी है उससे पुलिस का कितना भी बुरा होना मानवता के लिए और प्रजातंत्र के लिए बहुत बुरा है. इनके चयन, प्रशिक्षण और प्रशासनिक कार्यवाही में आमूलचूल परिवर्तन की ज़रुरत है.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई पढने की इच्छा हो रही है । देखते हैं कब पढ पाते हैं धन्यवाद
जवाब देंहटाएं.... शुभकामनाएं!!!!
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